Everything about shiv chalisa lyrics in english

भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचन्द्र के काज संवारे।।

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स्तवं यः प्रभाते नरः शूलपाणे पठेत् सर्वदा भर्गभावानुरक्तः ।

राम दुआरे तुम रखवारे। होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।

दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥

नासै रोग हरे सब पीरा। जपत निरन्तर हनुमत बीरा।।

कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥

शिव पूजा में सफेद चंदन, चावल, कलावा, धूप-दीप, पुष्प, फूल माला और शुद्ध मिश्री को प्रसाद के लिए रखें।

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥

यह एक चमत्कारीक स्त्रोत है जिसका पाठ करने से भोलेनाथ तो प्रसन्न होते ही है, साथ ही इससे बिगड़े हुए काम भी बन जाते है। इस स्त्रोत के पाठ शिव रात्रि या सावन के महीने में शुभ मानते है। शिव जी की अगर कोई श्रद्धा पूर्वक भक्ति करता है तो भोलेनाथ बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते है। इसी कारण से भोले नाथ को ‘आशुतोष’ के नाम से भी जाना जाता है।

आज के युग में शिव चालीसा पाठ व्यक्ति के जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। शिव चालीसा लिरिक्स की सरल भाषा के मध्यम भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है।

नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥

आपके पास पूजा के लिए दूध दही घी शक्कर शहद यानि पंचामृत तथा चंदन पुष्प बेलपत्र त्रिशूल डमरू आदि होने चाहिए अगर आपका click here व्रत है तो शाम को पूजा करने के बाद ही व्रत खोलें अंत में प्रसाद वितरण करें

श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।

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